दिल्ली में इमारत गिरने से 11 की मौत, मकान मालिक भी मरा; मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिए जांच के आदेश – जानिए 5 बड़ी बातें
दिल्ली में बड़ा हादसा: करोल बाग की पुरानी इमारत गिरने से 11 लोगों की मौत
दिल्ली के करोल बाग इलाके में एक पुरानी बहुमंजिला इमारत गिरने से 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा शनिवार की शाम करीब 6 बजे हुआ, जब इलाके में हल्की बारिश हो रही थी। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह इमारत काफी पुरानी और जर्जर हालत में थी। घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली फायर सर्विस, एनडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं और तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
दिल्ली बिल्डिंग हादसा: 11 की मौत, जांच के आदेश
इमारत के मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए बचावकर्मियों ने करीब 8 घंटे तक राहत और बचाव कार्य चलाया। घायल लोगों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल और लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया। कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
1. हादसे में 11 लोगों की मौत, कई घायल
करोल बाग के बापू नगर में गिरी इस इमारत में उस वक्त करीब 25 लोग मौजूद थे। मलबे से 11 शव निकाले गए, जिनमें तीन महिलाएं और दो बच्चे भी शामिल हैं। मृतकों में बिहार और पश्चिम बंगाल से आए मजदूर भी शामिल हैं, जो उस इमारत में किराए पर रह रहे थे। कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
2. मकान मालिक की भी मौत, अवैध निर्माण की आशंका
हादसे में खुद मकान मालिक सुरेश कुमार (52) की भी मौत हो गई, जो इमारत की तीसरी मंजिल पर रहते थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह इमारत अवैध रूप से बनाई गई थी और एमसीडी से इसके नक्शे की स्वीकृति नहीं ली गई थी। इसके अलावा, ऊपर की दो मंजिलों का निर्माण हाल ही में कराया गया था, जिससे इमारत की नींव कमजोर हो गई थी। मकान मालिक के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 304A (लापरवाही से मृत्यु) और 336 (जीवन को खतरे में डालने वाला कार्य) के तहत मामला दर्ज किया है।
3. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी इस हादसे के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की।
रेखा गुप्ता ने कहा, “यह एक बहुत ही दुखद और चौंकाने वाली घटना है। हम पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़े हैं। इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे।”
4. घायलों को मुआवजा और मुफ्त इलाज
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि घायलों को सरकार की ओर से 2 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी। जिनका इलाज चल रहा है, उन्हें किसी भी प्रकार की चिकित्सा सुविधा के लिए भुगतान नहीं करना होगा। दिल्ली सरकार ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल और LNJP को निर्देश दिए हैं कि घायलों के इलाज में कोई कमी न आने दी जाए।
5. भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम
रेखा गुप्ता ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पुरानी और जर्जर इमारतों की जांच करें। जिन इमारतों को असुरक्षित पाया जाएगा, उन्हें तुरंत खाली करवाने और ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, अवैध निर्माण को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने की भी घोषणा की गई है।
हादसे ने उठाए सुरक्षा पर सवाल
दिल्ली जैसे महानगर में इस तरह की घटना ने शहरी नियोजन, अवैध निर्माण और प्रशासनिक निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं तभी रोकी जा सकती हैं जब सभी विभाग समन्वय के साथ काम करें और जनता को भी सतर्क किया जाए। रेखा गुप्ता सरकार के लिए यह हादसा एक चेतावनी है कि समय रहते जरूरी कदम न उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं फिर हो सकती हैं।