Vice President of India: सी.पी. राधाकृष्णन बने 15वें उपराष्ट्रपति, पीएम मोदी ने दी बधाई
12 सितंबर 2025 को सी.पी. राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। अब वे राज्यसभा के सभापति भी होंगे।

Vice President of India: सी.पी. राधाकृष्णन बने 15वें उपराष्ट्रपति, पीएम मोदी ने दी बधाई
नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025 – भारत को आज नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। वरिष्ठ भाजपा नेता और तमिलनाडु से दो बार सांसद रह चुके सी.पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में देश के 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। समारोह के बाद राधाकृष्णन ने मीडिया से कहा कि वह देश की लोकतांत्रिक परंपराओं को और मज़बूत करने के लिए काम करेंगे और संविधान की मर्यादा का पालन करना उनका पहला कर्तव्य होगा।
राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
सी.पी. राधाकृष्णन का जन्म 4 अप्रैल 1957 को तमिलनाडु में हुआ। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से की और धीरे-धीरे संगठन के अंदर अपनी मेहनत और ईमानदारी से पहचान बनाई।
वे कोयंबटूर से दो बार सांसद रहे और कई संसदीय समितियों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। तमिलनाडु में भाजपा को मजबूत बनाने में भी उनकी भूमिका अहम रही। राधाकृष्णन को जमीन से जुड़े नेता के रूप में जाना जाता है, जो जनता से सीधा संवाद रखने में विश्वास करते हैं।
उपराष्ट्रपति का महत्व
भारत में उपराष्ट्रपति का पद सिर्फ औपचारिक नहीं बल्कि संवैधानिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और सदन की कार्यवाही को निष्पक्ष तरीके से चलाने की जिम्मेदारी उन्हीं पर होती है।
पिछले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ थे, जिनका कार्यकाल इस साल पूरा हुआ। अब सी.पी. राधाकृष्णन राज्यसभा की कार्यवाही को संचालित करेंगे। संसद के मानसून सत्र से ही उनके कामकाज की असली परीक्षा शुरू हो जाएगी।Vice President of India: सी.पी. राधाकृष्णन बने 15वें उपराष्ट्रपति, पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा, “राधाकृष्णन जी एक अनुभवी और संवेदनशील नेता हैं। मुझे विश्वास है कि वे संविधान की गरिमा को बनाए रखते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों को और ऊंचाई देंगे।”
गृहमंत्री अमित शाह ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि उनकी सादगी और मेहनत से देश को लाभ मिलेगा। वहीं विपक्षी नेताओं ने भी उम्मीद जताई कि राधाकृष्णन सदन में सभी दलों को बराबरी का महत्व देंगे और निष्पक्ष रहकर कार्यवाही का संचालन करेंगे।Vice President of India: सी.पी. राधाकृष्णन बने 15वें उपराष्ट्रपति, पीएम मोदी ने दी बधाई
तमिलनाडु के लिए गौरव का पल
राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति बनने से तमिलनाडु के लोगों में भी खुशी की लहर है। भाजपा का इस राज्य में जनाधार सीमित रहा है, लेकिन राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति बनने को दक्षिण भारत के लिए बड़ा सम्मान माना जा रहा है।
कई राजनीतिक विश्लेषक इसे भाजपा की “साउथ स्ट्रैटेजी” का हिस्सा भी बता रहे हैं। उनका मानना है कि इससे दक्षिण भारत में भाजपा की पकड़ और मजबूत हो सकती है।
चुनौतियाँ और उम्मीदें
राधाकृष्णन के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्यसभा की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाना होगा। अक्सर सदन में हंगामा और गतिरोध होता रहता है, ऐसे में सभापति के रूप में उन्हें निष्पक्ष रहते हुए सभी दलों को साथ लेकर चलना होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी शांत स्वभाव और मिलनसार छवि उन्हें इस चुनौती से उबरने में मदद करेगी।
सी.पी. राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति बनना सिर्फ राजनीतिक घटनाक्रम नहीं बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए नया अध्याय है। जनता और संसद दोनों उनसे बड़ी उम्मीदें लगाए बैठी हैं। अब देखना होगा कि वे कैसे अपने अनुभव और नेतृत्व क्षमता से इस अहम पद की जिम्मेदारियों को निभाते हैं।