चीन में अनिश्चितता के बीच Apple ने भारत में बढ़ाया iPhone उत्पादन, एक साल में किए ₹1.83 लाख करोड़ के iPhone असेंबल
Apple ने भारत में iPhone उत्पादन में दिखाई तेजी, एक साल में बनाए ₹1.83 लाख करोड़ के iPhones
चीन में बढ़ती अनिश्चितता और वैश्विक सप्लाई चेन के जोखिम को देखते हुए Apple ने भारत में iPhone निर्माण पर जोर देना शुरू कर दिया है।
Apple ने भारत में बनाए ₹1.83 लाख करोड़ के iPhones amid चीन संकट
नई दिल्ली:
टेक्नोलॉजी दिग्गज Apple ने भारत में अपना प्रोडक्शन बेस मज़बूत करते हुए वित्त वर्ष 2023-24 में करीब $22 बिलियन (₹1.83 लाख करोड़) मूल्य के iPhones असेंबल किए हैं। यह कदम चीन में बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और उत्पादन में बाधाओं को देखते हुए उठाया गया है। भारत में उत्पादन को तेज़ी से बढ़ाना Apple की वैश्विक रणनीति का हिस्सा है, जिससे कंपनी चीन पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहती है।
भारत बना Apple की मैन्युफैक्चरिंग रणनीति का केंद्र
Apple ने बीते कुछ सालों में भारत में Foxconn, Pegatron और Wistron जैसी ताइवानी कंपनियों के ज़रिए iPhone असेंबलिंग को बढ़ावा दिया है। सरकारी आंकड़ों और इंडस्ट्री रिपोर्ट्स के अनुसार, Apple का भारत में उत्पादन अब उसके वैश्विक iPhone मैन्युफैक्चरिंग का 14% तक पहुंच चुका है।Apple ने भारत में बनाए ₹1.83 लाख करोड़ के iPhones amid चीन संकट
यह आँकड़ा 2022-23 की तुलना में दोगुना है, जब भारत में केवल 7% iPhones बनाए जाते थे। इस ग्रोथ से यह साफ है कि Apple अब भारत को अपने प्रोडक्शन हब के रूप में गंभीरता से देख रहा है।
चीन में बढ़ते जोखिम बने कारण
Apple की यह रणनीतिक बदलाव कई कारणों से प्रेरित है। चीन में लगातार COVID लॉकडाउन, श्रमिक असंतोष, और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध जैसे कारकों ने मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया को प्रभावित किया है। इससे Apple को वैकल्पिक लोकेशन की तलाश शुरू करनी पड़ी।
भारत न केवल एक विशाल बाज़ार है बल्कि कुशल श्रम बल, सरकारी प्रोत्साहन योजनाएं (जैसे PLI स्कीम), और अपेक्षाकृत कम लागत के कारण एक आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है।Apple ने भारत में बनाए ₹1.83 लाख करोड़ के iPhones amid चीन संकट
नौकरियों और निवेश में आई तेज़ी
Apple के भारत में उत्पादन बढ़ाने से देश में नौकरियों के अवसरों में भी वृद्धि हुई है। Foxconn ने अकेले तमिलनाडु में 40,000 से अधिक कर्मचारियों को काम पर रखा है और जल्द ही नई यूनिट्स शुरू करने की योजना भी बना रहा है।
सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे अभियानों को भी इससे बल मिला है। टेक इंडस्ट्री विशेषज्ञों के अनुसार, Apple और इसके साझेदारों ने अब तक भारत में $5 बिलियन (₹41,000 करोड़) से अधिक का निवेश किया है, और आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता है।
लोकल मार्केट को भी होगा लाभ
Apple ने हाल ही में भारत में अपने रिटेल स्टोर्स (मुंबई और दिल्ली) की शुरुआत की है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी अब न केवल भारत को उत्पादन केंद्र बल्कि बड़ा उपभोक्ता बाज़ार भी मान रही है। भारत में iPhone की बिक्री में भी तेज़ी देखी जा रही है, खासकर जबसे लोकल असेंबलिंग की वजह से डिवाइस की कीमतों में थोड़ी राहत आई है।Apple ने भारत में बनाए ₹1.83 लाख करोड़ के iPhones amid चीन संकट
आगे का रास्ता: भारत बन सकता है ग्लोबल iPhone हब
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 3-4 वर्षों में भारत Apple के लिए दूसरा सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग बेस बन सकता है। अगर यह रफ्तार बरकरार रहती है, तो भारत जल्द ही Apple की सप्लाई चेन का प्रमुख हिस्सा बन जाएगा।
भारत सरकार भी Apple जैसी कंपनियों को और आकर्षित करने के लिए टैक्स में छूट, तेज़ मंज़ूरी प्रक्रिया और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने पर काम कर रही है।Apple का भारत में उत्पादन बढ़ाना न केवल टेक्नोलॉजी सेक्टर के लिए एक बड़ा संकेत है, बल्कि यह भारत के वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है। चीन की अनिश्चितता ने भारत को एक नए अवसर के रूप में उभारा है, जिसे Apple जैसे ब्रांड तेजी से अपनाते जा रहे हैं।Apple ने भारत में बनाए ₹1.83 लाख करोड़ के iPhones amid चीन संकट
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