Ambani Zuckerberg AI Partnership: Reliance–Meta की साझेदारी से भारतीय बिज़नेस के लिए ओपन-सोर्स AI

Ambani Zuckerberg AI Partnership: Reliance–Meta की साझेदारी
Ambani Zuckerberg AI Partnership: Reliance–Meta की साझेदारी

Ambani Zuckerberg AI Partnership: Reliance–Meta की साझेदारी से भारतीय बिज़नेस के लिए ओपन-सोर्स AI

Ambani Zuckerberg AI Partnership: Reliance–Meta की साझेदारी
Ambani Zuckerberg AI Partnership: Reliance–Meta की साझेदारी

अंबानी और ज़ुकरबर्ग की साझेदारी: RIL–Meta का 855 करोड़ का AI संयुक्त उपक्रम, भारतीय बिज़नेस को मिलेगा ओपन-सोर्स AI

मुंबई, 29 अगस्त 2025 – रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी की 48वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में एक बड़ा ऐलान किया। रिलायंस अब सोशल मीडिया दिग्गज Meta (Facebook की पेरेंट कंपनी) के साथ मिलकर एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) संयुक्त उपक्रम (Joint Venture) शुरू करने जा रही है। इस प्रोजेक्ट में कुल ₹855 करोड़ का निवेश किया जाएगा, जिसमें RIL की हिस्सेदारी 70% और Meta की हिस्सेदारी 30% होगी।Ambani Zuckerberg AI Partnership: Reliance–Meta की साझेदारी से भारतीय बिज़नेस के लिए ओपन-सोर्स AI

इस JV का मुख्य उद्देश्य है – भारतीय बिज़नेस के लिए ओपन-सोर्स और एंटरप्राइज-ग्रेड AI मॉडल विकसित करना, जिन्हें आसानी से कस्टमाइज़ और लागू किया जा सके।

भारतीय उद्योगों के लिए खास AI मॉडल

मुकेश अंबानी ने AGM में बताया कि यह साझेदारी भारत में AI को लोकल स्तर पर अपनाने में क्रांतिकारी साबित होगी। Meta अपने Llama ओपन-सोर्स मॉडल लाएगी, जबकि Reliance अपने टेलीकॉम (Jio), रिटेल, एनर्जी और डिजिटल नेटवर्क के विशाल अनुभव को इसमें जोड़ेगी।

इस JV का लक्ष्य है ऐसे AI समाधान देना जो क्लाउड और ऑन-प्रिमाइसिस दोनों पर काम कर सकें। इसका फायदा छोटे-मोटे स्टार्टअप से लेकर बड़ी कंपनियों तक सभी को मिलेगा।

Meta के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग ने वीडियो संदेश में कहा –

“यह तकनीक भारत में लोगों और व्यवसायों को नई ताक़त देगी। हम AI को लोकतांत्रिक (democratize) बनाना चाहते हैं ताकि यह हर किसी के लिए सुलभ हो सके।”

Google भी देगा बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट

इस साझेदारी में एक और बड़ा नाम जुड़ा है – Google। RIL और Google मिलकर भारत में AI-ready डेटा सेंटर्स बनाएंगे। संभावना है कि पहला डेटा सेंटर गुजरात के जामनगर में बनेगा।

Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि यह कदम भारत को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा और रिलायंस के साथ साझेदारी लंबे समय तक असर डालेगी।

AI Platform-as-a-Service (PaaS)

यह JV केवल मॉडल बनाने तक सीमित नहीं रहेगा। दोनों कंपनियां मिलकर एक एंटरप्राइज AI प्लेटफॉर्म भी लॉन्च करेंगी। इसे Platform-as-a-Service (PaaS) कहा जाएगा।Ambani Zuckerberg AI Partnership: Reliance–Meta की साझेदारी से भारतीय बिज़नेस के लिए ओपन-सोर्स AI

इस प्लेटफॉर्म के जरिए कंपनियां:

  • अपने हिसाब से AI मॉडल कस्टमाइज़ कर पाएंगी।
  • सुरक्षित और स्केलेबल वातावरण में इन्हें तैनात कर पाएंगी।
  • डेटा की सुरक्षा और गवर्नेंस सुनिश्चित कर पाएंगी।

इस साझेदारी की अहमियत

  1. AI की पहुंच बढ़ेगी – भारत के हर छोटे-बड़े बिज़नेस तक AI समाधान पहुंच सकेंगे।
  2. सस्ते और सुरक्षित मॉडल – लोकल डेटा सेंटर और ओपन-सोर्स तकनीक की वजह से AI किफायती और भारतीय नियमों के हिसाब से सुरक्षित होगा।
  3. भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत होगी – यह JV भारत को दुनिया के AI इकोसिस्टम में एक बड़ी ताक़त बना सकता है।

मार्केट की प्रतिक्रिया

बड़े ऐलान के बावजूद रिलायंस के शेयरों में BSE पर लगभग 2% की गिरावट देखी गई। विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े निवेश और समय लेने वाले रोलआउट के कारण निवेशक सतर्क हैं। हालांकि, लंबी अवधि में इसका असर बेहद सकारात्मक हो सकता है।Ambani Zuckerberg AI Partnership: Reliance–Meta की साझेदारी से भारतीय बिज़नेस के लिए ओपन-सोर्स AI

आगे का रास्ता

रिलायंस–Meta का यह संयुक्त उपक्रम और Google की डेटा सेंटर साझेदारी भारत में AI-आधारित डिजिटल क्रांति की शुरुआत मानी जा रही है।Ambani Zuckerberg AI Partnership: Reliance–Meta की साझेदारी से भारतीय बिज़नेस के लिए ओपन-सोर्स AI

यह साझेदारी न केवल भारत के बिज़नेस सेक्टर को सशक्त बनाएगी, बल्कि आने वाले समय में यह मॉडल अन्य विकासशील देशों के लिए भी उदाहरण बन सकता है।

सच्ची परीक्षा होगी –

  • टेक्नोलॉजी का रोलआउट कितनी तेजी से होता है
  • भारतीय कंपनियां कितनी तेजी से इसे अपनाती हैं

अगर यह सफल हुआ तो भारत आने वाले दशक में AI सुपरपावर बन सकता है।

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