“Tahawwur Rana केस में पाकिस्तान बोला – वह हमारा नहीं”

"Tahawwur Rana केस में पाकिस्तान बोला – वह हमारा नहीं"
"Tahawwur Rana केस में पाकिस्तान बोला – वह हमारा नहीं"

“बहुत स्पष्ट है कि…” – Tahawwur Rana के भारत में न्याय का सामना करने पर पाकिस्तान का बयान

2008 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर पाकिस्तान ने चुप्पी तोड़ी। जानिए पाकिस्तान ने क्या कहा और भारत की क्या है अगली रणनीति।

"Tahawwur Rana केस में पाकिस्तान बोला – वह हमारा नहीं"

“Tahawwur Rana केस में पाकिस्तान बोला – वह हमारा नहीं”

“बहुत स्पष्ट है कि…” – तहव्वुर राणा के भारत में न्याय का सामना करने पर पाकिस्तान का बयान

2008 के मुंबई आतंकी हमले में नामजद आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया है। इस हाई-प्रोफाइल प्रत्यर्पण को लेकर पाकिस्तान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है, जो अब चर्चा का विषय बन गई है।

तहव्वुर राणा कौन है?

तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का एक कनाडाई नागरिक है, जो अमेरिका में रह रहा था। वह पेशे से डॉक्टर रहा है और बाद में व्यवसाय में उतर आया। भारत सरकार के अनुसार, राणा ने मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता डेविड हेडली की मदद की थी। हेडली ने राणा की कंपनी के जरिए भारत का दौरा किया और हमले के लिए जरूरी जानकारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को दी।”Tahawwur Rana केस में पाकिस्तान बोला – वह हमारा नहीं”

2008 का मुंबई हमला – एक झकझोर देने वाली त्रासदी

26 नवंबर 2008 को, पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई में ताज होटल, ओबेरॉय, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस जैसे स्थानों को निशाना बनाया। इस हमले में 166 लोगों की जान गई और सैकड़ों घायल हुए। भारत ने इसके लिए लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की ISI को जिम्मेदार ठहराया।

भारत की जीत – प्रत्यर्पण की मंजूरी

भारत लंबे समय से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। अमेरिका में कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आखिरकार 2025 में उसे भारत भेजने की मंजूरी मिली। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने राणा की अपील को खारिज कर दिया, जिससे प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हुआ।”Tahawwur Rana केस में पाकिस्तान बोला – वह हमारा नहीं”

भारत में अब तहव्वुर राणा पर UAPA, भारतीय दंड संहिता और आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत मुकदमा चलेगा।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया – “बहुत स्पष्ट है…”

जब भारत में राणा के पहुंचने की खबर वायरल हुई, तो पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में टिप्पणी करते हुए कहा,
“बहुत स्पष्ट है कि तहव्वुर राणा पिछले दो दशकों से पाकिस्तान का नागरिक नहीं है। उसने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है।”
इस बयान को पाकिस्तान द्वारा खुद को इस मामले से अलग करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

भारत की प्रतिक्रिया – आतंक के खिलाफ मजबूत संदेश

भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह भारत की कूटनीतिक जीत है और मोदी सरकार का संकल्प है कि देश के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि,”Tahawwur Rana केस में पाकिस्तान बोला – वह हमारा नहीं”
“देश के दुश्मनों को सजा दिलाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है, चाहे वह कहीं भी छिपे हों।”

क्या राणा की गवाही से खुल सकते हैं और राज?

डेविड हेडली पहले ही अमेरिका में गवाह बन चुका है और उसकी गवाही के बाद कई बातें सामने आई थीं। अब भारत को उम्मीद है कि राणा की पूछताछ से भी कई नए खुलासे हो सकते हैं – खासकर पाकिस्तान की भूमिका को लेकर।

राणा पर आरोप है कि उसने हेडली को भारत की यात्रा, होटल बुकिंग और दस्तावेज तैयार करने में मदद की, जिससे वह हमले की प्लानिंग कर सका।

भारत-अमेरिका सहयोग का उदाहरण

यह प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सुरक्षा सहयोग का संकेत है। दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने को लेकर लगातार एकजुट दिखाई दिए हैं। अमेरिका ने मुंबई हमले के पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में यह कदम उठाकर एक बड़ा संदेश दिया है।”Tahawwur Rana केस में पाकिस्तान बोला – वह हमारा नहीं”

आगे क्या?

अब भारत की एजेंसियां राणा से पूछताछ कर रही हैं। यदि उसके बयान से पाकिस्तान की संलिप्तता और स्पष्ट होती है, तो भारत इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और मजबूती से उठा सकता है।

इसके अलावा, भारत चाहता है कि पाकिस्तान अन्य हमलावरों, जैसे ज़की-उर-रहमान लखवी और हाफिज सईद को भी भारत को सौंपे या उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

 तहव्वुर राणा, 2008 मुंबई हमला, पाकिस्तान बयान, भारत प्रत्यर्पण, लश्कर-ए-तैयबा

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