राम नवमी पर PM मोदी करेंगे भारत के पहले vertical lift Pamban रेलवे ब्रिज का उद्घाटन: जानिए इसकी खासियत
राम नवमी पर PM मोदी करेंगे नए Pamban ब्रिज का उद्घाटन
रामेश्वरम का नया ऐतिहासिक पुल रेलवे कनेक्टिविटी और पर्यटन को देगा बढ़ावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस राम नवमी 2024 के पावन अवसर पर भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज, नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। यह तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित एक अत्याधुनिक पुल है, जिसे पुराने पंबन रेलवे ब्रिज के स्थान पर बनाया गया है। यह पुल भारत के रेलवे इतिहास में एक नया मील का पत्थर साबित होगा और रामेश्वरम की रेल कनेक्टिविटी, पर्यटन और व्यापार को मजबूती देगा।
भारत के रेलवे इतिहास में ऐतिहासिक कदम
यह नया पंबन रेलवे ब्रिज, 1914 में बने पुराने पंबन ब्रिज की जगह लेगा, जो देश का पहला समुद्री पुल था। करीब ₹540 करोड़ की लागत से निर्मित यह नया पुल आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों से बनाया गया है और भारतीय रेलवे को भविष्य के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।राम नवमी पर PM मोदी करेंगे नए Pamban ब्रिज का उद्घाटन
नए पंबन रेलवे ब्रिज की खासियत
1. भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज
- यह पुल आधुनिक वर्टिकल लिफ्ट तकनीक से लैस है, जिसमें 63 मीटर लंबा मध्य भाग ऊपर उठ सकता है।
- यह 17 मीटर की ऊंचाई तक उठेगा, जिससे समुद्री जहाज और नावें आराम से गुजर सकेंगी।
- पहले के पुल में मैनुअल ऑपरेटेड रोलिंग लिफ्ट मैकेनिज्म था, जबकि नया पुल ऑटोमेटिक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से काम करेगा।
2. तेज और सुरक्षित रेलवे कनेक्टिविटी
- यह नया पुल ट्रेनों को 80 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने की सुविधा देगा, जो पुराने पुल की तुलना में काफी तेज है।
- अब यात्री कम समय में रामेश्वरम पहुंच सकेंगे।
3. मजबूत और टिकाऊ संरचना
- यह पुल आधुनिक स्टील और कंक्रीट से बनाया गया है, जो इसे समुद्री लहरों, तेज़ हवाओं और प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में मदद करेगा।
- यह पुल भूकंप और तूफानों को सहने की क्षमता रखता है, जिससे भविष्य में रेल यातायात बाधित नहीं होगा।
4. इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए तैयार
- यह पुल इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे भविष्य में रेलवे को और उन्नत बनाया जा सकेगा।
नए पंबन ब्रिज का महत्व
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा: रामेश्वरम हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस नए पुल से यात्रा तेज और सुरक्षित होगी।
व्यापार और मछली उद्योग को फायदा: इस पुल से रामेश्वरम और आसपास के क्षेत्रों के व्यापारियों, मछुआरों और स्थानीय लोगों को भी फायदा मिलेगा।
इंजीनियरिंग का अनूठा उदाहरण: यह पुल भारतीय रेलवे और इंजीनियरिंग क्षेत्र में एक आधुनिक चमत्कार के रूप में जाना जाएगा।
पुराने पंबन ब्रिज की ऐतिहासिक विरासत
- 1914 में बना पंबन ब्रिज, भारत का पहला समुद्री पुल था।
- यह पुल 1964 के विनाशकारी चक्रवात में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था लेकिन बाद में इसे फिर से शुरू किया गया।
- यह पुल 100 से अधिक वर्षों तक रेलवे सेवा में रहा और अब इसे नए, अत्याधुनिक ब्रिज से बदल दिया गया है।
राम नवमी पर उद्घाटन – एक शुभ अवसर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम नवमी के दिन इस पुल का उद्घाटन करना धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रामेश्वरम भगवान श्रीराम से जुड़ा हुआ स्थान है, जहां उन्होंने लंका जाने के लिए सेतुबंधन किया था। ऐसे में, इस दिन नए पुल का शुभारंभ करना एक ऐतिहासिक क्षण होगा।राम नवमी पर PM मोदी करेंगे नए Pamban ब्रिज का उद्घाटन
इस उद्घाटन के साथ, नया पंबन रेलवे ब्रिज भारत में आधुनिक कनेक्टिविटी का एक नया प्रतीक बनेगा और देश की प्रगति का उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
Stay tuned यह पुल जल्द ही भारत की रेलवे यात्रा को एक नया आयाम देगा।
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