महादेव बेटिंग ऐप घोटाला: CBI ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किया नामित |
महादेव बेटिंग ऐप घोटाला: CBI की जांच में फंसे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचाने वाला महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप घोटाला एक बड़े घोटाले के रूप में उभर रहा है। इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नामित किया है। यह मामला 6,000 करोड़ रुपये के अवैध सट्टेबाजी रैकेट से जुड़ा है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले ही कई खुलासे कर चुका है।

क्या है महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप घोटाला?
महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप एक अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म था, जिसे दुबई से संचालित किया जा रहा था। इस ऐप के जरिए क्रिकेट और अन्य खेलों पर सट्टेबाजी कराई जाती थी। भारतीय कानूनों के तहत ऑनलाइन सट्टेबाजी अवैध है, लेकिन इस ऐप ने फर्जी खातों और डिजिटल भुगतान के माध्यम से अपना नेटवर्क फैला रखा था।
ED की जांच के अनुसार, इस ऐप के प्रमोटरों—सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल—ने कई प्रभावशाली लोगों को रिश्वत देकर अपना नेटवर्क मजबूत किया। आरोप है कि इस घोटाले से जुड़े पैसों का इस्तेमाल चुनावी फंडिंग, राजनीतिक संरक्षण और अन्य अवैध गतिविधियों में किया गया।
महादेव बेटिंग ऐप घोटाला: CBI ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किया नामित |
भूपेश बघेल पर क्या आरोप हैं?
ED और CBI की जांच के अनुसार, महादेव ऐप के प्रमोटरों ने भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत दी थी। यह आरोप मुख्य रूप से एक कथित ‘कैश कूरियर’ असीम दास के बयान पर आधारित हैं, जिसे 5.39 करोड़ रुपये की नकदी के साथ गिरफ्तार किया गया था।
CBI और ED का दावा है कि यह पैसा महादेव ऐप के गैरकानूनी संचालन को सुरक्षा देने के बदले में दिया गया था। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह लेनदेन 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले हुआ था, ताकि राजनीतिक संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2023 में महादेव ऐप के नेटवर्क पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी, डिजिटल सबूत और हवाला ट्रांजेक्शन के रिकॉर्ड बरामद हुए।
इसके बाद, असीम दास की गिरफ्तारी ने मामले में एक नया मोड़ ला दिया। उसके बयान में कहा गया कि महादेव ऐप के प्रमोटरों ने चुनावी फंडिंग और अन्य सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए थे।
भूपेश बघेल का बचाव और राजनीतिक घमासान
भूपेश बघेल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) की साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार उनके खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने बयान दिया,
“BJP छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतने के लिए ED, IT, DRI और CBI जैसी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। यह सब एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है।”
कांग्रेस पार्टी ने भी बघेल का समर्थन करते हुए इसे “फर्जी मामला” बताया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा सरकार अपने विरोधियों को फंसाने की कोशिश कर रही है।
BJP का पलटवार
BJP ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। पार्टी ने कहा कि महादेव ऐप घोटाले में करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ और इसमें कई प्रभावशाली लोग शामिल हैं। BJP नेताओं ने मांग की है कि भूपेश बघेल की भूमिका की निष्पक्ष जांच हो और अगर आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
CBI जांच और आगे की कार्रवाई
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मामले को CBI को सौंपने की सिफारिश की है। CBI अब इस घोटाले के अन्य पहलुओं की जांच कर रही है, जिसमें हवाला लेनदेन, बैंक खातों की ट्रांजेक्शन हिस्ट्री और डिजिटल पेमेंट के जरिए हुए फंड ट्रांसफर की गहराई से जांच की जा रही है।
CBI अब निम्नलिखित बिंदुओं की जांच कर रही है: “महादेव बेटिंग ऐप घोटाला”
- राजनीतिक नेताओं को रिश्वत देने का पैटर्न
- महादेव ऐप के प्रमोटरों और सरकारी अधिकारियों के बीच संबंध
- चुनावी फंडिंग में अवैध धन का इस्तेमाल
- हवाला नेटवर्क के जरिए पैसे का ट्रांसफर
क्या होगा आगे? “महादेव बेटिंग ऐप घोटाला”
महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप घोटाले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को हिलाकर रख दिया है। कांग्रेस और BJP के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।
इस मामले में आगे क्या होगा, यह CBI की जांच पर निर्भर करेगा। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह मामला भूपेश बघेल और कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। वहीं, अगर जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिलता, तो इसे राजनीतिक षड्यंत्र के रूप में देखा जाएगा।
आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं, जिससे राज्य और देश की राजनीति में हलचल मच सकती है”।महादेव बेटिंग ऐप घोटाला”
ED छापों के बाद अब CBI की कार्रवाई, भूपेश बघेल के घर छापेमारी | महादेव सट्टेबाजी घोटाला





