2024-25 में दुनिया के सबसे भीड़भाड़ वाले शहर: भारत के इन शहरों में ट्रैफिक जाम से हाल बेहाल!

दुनिया के सबसे भीड़भाड़ वाले शहर: भारत के इन शहरों में ट्रैफिक जाम ने तोड़े सारे रिकॉर्ड!
हाल ही में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, दुनिया भर में कई शहर यातायात जाम और भीड़भाड़ की गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। विशेष रूप से भारत के प्रमुख महानगरों में यह समस्या अधिक विकट हो गई है, जिससे न केवल नागरिकों का दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियाँ भी बढ़ रही हैं।
वैश्विक परिदृश्य में यातायात भीड़भाड़
दुनिया के कई शहर यातायात भीड़भाड़ की समस्या से जूझ रहे हैं। उदाहरण के लिए, 2024 में प्रकाशित INRIX ग्लोबल ट्रैफिक स्कोरकार्ड के अनुसार, ब्रिस्बेन को दुनिया का दसवां सबसे भीड़भाड़ वाला शहर माना गया, जहाँ ड्राइवरों ने औसतन 84 घंटे यातायात में गंवाए। हालांकि, विशेषज्ञों ने इस रिपोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, विशेष रूप से देर रात की खाली सड़कों की तुलना पीक आवर्स से करने के आधार पर।दुनिया के सबसे भीड़भाड़ वाले शहर: भारत के इन शहरों में ट्रैफिक जाम ने तोड़े सारे रिकॉर्ड!
भारतीय शहरों में यातायात की स्थिति
भारत के कई शहरों में यातायात भीड़भाड़ एक गंभीर समस्या बन गई है। मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, दिल्ली और कोच्चि जैसे शहरों में यह समस्या विशेष रूप से उभरकर सामने आई है।
मुंबई
मुंबई, भारत की आर्थिक राजधानी, अपनी घनी आबादी और सीमित सड़क अवसंरचना के कारण यातायात भीड़भाड़ की समस्या से ग्रस्त है। शहर में सार्वजनिक परिवहन का उपयोग 88% यात्रियों द्वारा किया जाता है, फिर भी यातायात की भीड़भाड़ एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है। दुनिया के सबसे भीड़भाड़ वाले शहर: भारत के इन शहरों में ट्रैफिक जाम ने तोड़े सारे रिकॉर्ड!
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए, महाराष्ट्र सरकार मुंबई में पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की योजना पर विचार कर रही है, जिससे केवल इलेक्ट्रिक या गैस से चलने वाले वाहनों को अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इस प्रस्ताव के कार्यान्वयन में कई चुनौतियाँ हैं, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक चार्जिंग अवसंरचना की कमी।
बेंगलुरु
बेंगलुरु, जिसे भारत की ‘सिलिकॉन वैली’ कहा जाता है, ने हाल के वर्षों में तीव्र विकास देखा है। शहर की जनसंख्या 2010 में 80 लाख से बढ़कर लगभग 1.4 करोड़ हो गई है, जिससे यातायात भीड़भाड़, जल संकट और बढ़ती संपत्ति की कीमतों जैसी समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं।दुनिया के सबसे भीड़भाड़ वाले शहर: भारत के इन शहरों में ट्रैफिक जाम ने तोड़े सारे रिकॉर्ड!
शहर में प्रतिदिन औसतन 1,530 नए वाहन पंजीकृत होते हैं, जिससे सड़कें अत्यधिक भीड़भाड़ का सामना कर रही हैं। अवसंरचना की कमी और सार्वजनिक परिवहन के अपर्याप्त विकल्पों के कारण यातायात जाम एक सामान्य समस्या बन गई है।
कोलकाता
कोलकाता में प्रति किलोमीटर सड़क पर 2,448 वाहनों की उपस्थिति के साथ, यह भारत में सबसे अधिक वाहन घनत्व वाला शहर है। इस उच्च घनत्व के कारण यातायात भीड़भाड़ और जाम की समस्या बढ़ गई है, जिससे दैनिक आवागमन प्रभावित होता है।
दिल्ली
दिल्ली में वायु प्रदूषण और यातायात भीड़भाड़ की समस्या गंभीर रूप से बढ़ गई है। 2024 में, शहर ने 40 वर्षों में सबसे खराब स्मॉग का अनुभव किया, जिससे स्कूलों को बंद करना पड़ा और निर्माण कार्यों पर रोक लगानी पड़ी। इस संकट ने सरकार की नीतियों और कार्यान्वयन पर सवाल उठाए हैं।
कोच्चि
कोच्चि में सड़क अवसंरचना बढ़ती यातायात मांग को पूरा करने में असमर्थ रही है, जिससे यातायात भीड़भाड़ एक प्रमुख समस्या बन गई है। शहर राष्ट्रीय राजमार्ग 66, 544, 966A और 966B से जुड़ा हुआ है, लेकिन बढ़ते वाहनों की संख्या के साथ सड़कें अत्यधिक भीड़भाड़ का सामना कर रही हैं।
समाधान और भविष्य की दिशा
यातायात भीड़भाड़ की समस्या के समाधान के लिए विभिन्न उपायों पर विचार किया जा रहा है:दुनिया के सबसे भीड़भाड़ वाले शहर: भारत के इन शहरों में ट्रैफिक जाम ने तोड़े सारे रिकॉर्ड!
- सार्वजनिक परिवहन में निवेश: मेट्रो, बस और रेल नेटवर्क का विस्तार और सुधार करके लोगों को निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
- साइकिल और पैदल यात्री मार्गों का विकास: शहरों में साइकिल लेन और पैदल मार्गों का निर्माण करके वैकल्पिक परिवहन साधनों को बढ़ावा दिया जा सकता है।
- वाहन पंजीकरण पर नियंत्रण: नए वाहनों के पंजीकरण पर नियंत्रण और पार्किंग स्थानों की उपलब्धता के आधार पर पंजीकरण की अनुमति देने जैसी नीतियाँ अपनाई जा सकती हैं।
- इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रोत्साहन: इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग अवसंरचना का विकास और सब्सिडी जैसी योजनाएँ लागू की जा सकती हैं।
- कारपूलिंग और राइड-शेयरिंग: कारपूलिंग और राइड-शेयरिंग सेवाओं को प्रोत्साहित करके सड़कों पर वाहनों की संख्या कम की जा सकती है।
इन उपायों के माध्यम से, भारतीय शहर यातायात भीड़भाड़ की समस्या को कम कर सकते हैं और नागरिकों के लिए अधिक सुगम और सुरक्षित परिवहन प्रणाली विकसित कर